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राष्ट्रीय महिला कोष
राष्ट्रीय महिला कोष (आरएमके) की स्थापना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मार्च, 1993 में एक स्वायत्त निकाय के रूप में की गई थी। इसे सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत किया गया था।
वर्ष 1993 में स्थापित राष्ट्रीय महिला कोष (आर एम के), महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय स्तर का एक स्वायत्तशासी संगठन है। वर्तमान में आर एम के द्वारा अनुसरण किये जाने वाला प्रचालन मॉडल सुविधादाता एजेंसी है, जिसमें आर एम के गैर सरकारी संगठनों- एम एफ आईज़, जिन्हें मध्यवर्ती संगठन (आई एम ओ) कहा जाता है, को ऋण देता है, जो आगे महिला स्वयं सहायता समूहों (एस एच जीज) को कर्ज़ देते हैं।
आर एम के आय सृजन गतिविधियों के लिए अनौपचारिक (असंगठित) क्षेत्र की महिलाओं को ग्राहक-अनुकूल, विना सहायक और आसान वातावरण में सूक्ष्म ऋण प्रदान करता है। मध्यवर्ती संगठनों के माध्यम से सूक्ष्म (अल्प) वित्तपोषण, उद्यमिता विकास, बचत और ऋण, एस एच जीज के गठन और सशक्तिकरण की संकल्पना को लोकप्रिय बनाने के लिए आर एम के द्वारा अनेक प्रोत्साहनात्मक उपाय किये गए हैं।
सूचना पट्ट
चर्चा में
- आरएमके और महिला ई-हाट के नेटवर्क के विस्तार के लिए आउटरीच कमेटी का गठन और उनकी क्षमता-निर्माण योग्यता।
- आरएमके का पुनरीक्षित ऋण दिशा निर्देश
- एनजीओ दर्पण पोर्टल