महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार
महिला बाल विकास

कोष द्वारा ऋण का संचालन

राष्ट्रीय महिला कोष पात्र संगठनों को ऋण देने के कार्य में संलग्न है ताकि वे आगे गरीब महिलाओं के ऋण दे सकें। इसमें निम्नलिखित चरण शामिल हैं:-

  1. योजनाएं बनाना और गवर्निंग बोर्ड से उनका अनुमोदन कराना।
  2. योजनाबद्ध तरीके से आईईसी गतिविधियों के माध्यम से गैर सरकारी संगठनों के बीच आरएमके की नीतियों और योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाना।
  3. समर्थ गैर सरकारी संगठन भागीदारों द्वारा योजनाओं का चयन।
  4. सभी ज़रूरी सूचनाओं और दस्तावेजों के साथ निर्धारित प्रारूप में ऋण के लिए आवेदनपत्रों का अग्रेषण।
  5. गैर सरकारी संगठन/ऋण लेने वाले संगठन अन्य दस्तावेजों के साथ आरएमके द्वारा डिज़ाइन किये हुए निर्धारित प्रारूप में संलग्नकों के अनुसार ऋण के लिए प्रस्ताव पेश करेंगे। .
  6. आरएमके में इसके प्राप्त होने पर प्रेषण लिपिक इसे पत्र प्राप्ति रजिस्टर में प्रविष्ट करेगा, मुहर लगाएगा और प्राप्ति संख्या अंकित करेगा। यह कार्यकारी निदेशक को प्रस्तुत किया जाता है जो सम्बंधित राज्य को डील करने वाले उप निदेशक को मार्क करते हैं। इसके बाद उप निदेशक सम्बंधित डीलिंग सहायक को मार्क करते हैं।
  7. डीलिंग सहायक इसे ऋण प्राप्ति/मंज़ूरी /निरस्तीकरण रजिस्टर में प्रविष्ट करेगा।
  8. ऋण आवेदनपत्रों की जाँच:- ऋण आवेदनपत्रों की जाँच के दौरान आरएमके निम्नलिखित मामलों के सम्बन्ध में स्वयं को संतुष्ट करता है।
    • क . क्या संगठन निर्धारित पात्रता की कसौटी को पूरा करता है।
    • ख. क्या संगठन निर्धारित पात्रता की शर्तों को पूरा करता है।
    • ग. क्या सभी अपेक्षित दस्तावेज प्राप्त किये गए हैं।
    • घ . क्या यथोचित निर्णय के लिए आवश्यक सभी सूचनाएँ/स्पष्टीकरण मिल गए हैं।
    • च . यदि उपर्युक्त में से कोई कमी रह गई हो तो उसे प्रदान करने के लिए एनजीओ से उसके लिए अनुरोध किया जाता है ।
  9. फिलहाल, सभी दस्तावेज, सूचनाएँ और स्पष्टीकरण प्राप्त हो जाने पर प्रस्ताव निरस्त करने अथवा आरएमके अधिकारियों या नामित संस्थागत मॉनिटर द्वारा मंज़ूरी पूर्व अध्ययन करने के लिए मामले को आगे भेज दिया जाता है।
  10. ऋण प्रस्ताव की मंज़ूरी पूर्व मोनिटरिंग या तो आरएमके अधिकारियों द्वारा अथवा नामित संस्थागत मोनिटर द्वारा की जा सकती है। इस प्रक्रिया में संगठन का दौरा और ऋण मांगने वाले संगठन के सभी रजिस्टरों, कैश बुक, जनरल लेजर, वाउचर्स, एसएचजी प्रोफाइल्स, एसएचजी बचत रजिस्टर, एसएचजी ऋण रजिस्टर आदि की जाँच शामिल हैं। वे संगठन द्वारा आगे बढ़ाए गए स्वयं सहायता समूहों का दौरा करेंगे, एसएचजी सदस्यों से बातचीत करेंगे, एसएचजी स्तर पर अनुरक्षित किये जाने वाले सभी अभिलेखों की जाँच करेंगे और एसएचजीज़ के ऋण की मांग का मूल्यांकन करेंगे । मंज़ूरी पूर्व अध्ययन, जिसमें निरीक्षण प्राधिकारी ने मंज़ूर की जाने वाली राशि के बारे में सिफारिश की है, के प्राप्त हो जाने के बाद विभागीय ऋण समिति के सामने प्रस्तुत करने के लिए एक मूल्यांकन नोट तैयार किया जाता है, जिसमें सम्बंधित आवेदनकर्ता के पूर्व निष्पादन, प्रचालन अथवा अन्यथा रिकॉर्ड को देखते हुए उसके सम्बन्ध में मंज़ूर की जाने वाली राशि के बारे में सम्बंधित उप निदेशक द्वारा निर्णय लेने के लिए उनको सिफारिश की जाएगी।
  11. विभागीय ऋण समिति मूल्यांकन रिपोर्ट में शामिल मामले से जुड़े सभी सम्बद्ध तथ्यों पर विचार करने के बाद ऋण मंज़ूर करती है, स्थगित करती है अथवा मना करती है। विभागीय ऋण समिति का निर्णय सम्बंधित आवेदक को सूचित कर दिया जाता है।
  12. विभागीय ऋण समिति द्वारा ऋण मंज़ूर किये जाने पर आरएमके मंज़ूरी पत्र के माध्यम से मंज़ूर किये गए ऋण के बारे में सूचित करता है, जिसमें पहली किश्त जारी करने से पहले मंज़ूरी के नियम एवं शर्तें, आवेदक के प्राधिकृत प्रतिनिधि द्वारा दिल्ली में निष्पादित किये जाने वाले दस्तावेज, दो गवाहों के साथ गारंटीदाता और प्रस्तुत किये जाने वाले अन्य वचनपत्र/संकल्प आदि शामिल होते हैं।
  13. ज़रूरी दस्तावेजों, जैसे कि वितरण प्रमाणपत्र, उपयोग प्रमाणपत्र, उधारकर्ताओं की सूची भाग I और II , तिमाही प्रगति रिपोर्ट, मांग प्रोनोट, पूर्व-रसीद, दूसरी और बाद की निकासी का आवेदनपत्र और उसके अनुलग्नक आदि प्राप्त होने के बाद निधि के अंतिम लाभार्थी की जाँच करने, संस्वीकृति पत्र में दी गई शर्तों का अनुपालन, निधि के उपयोग की गुणवत्ता के लिए मॉनिटर द्वारा संस्वीकृति पश्च मॉनिटरिंग अध्ययन किया जाता है। मोनिटर संगठन के पास जाता है, सम्बंधित दस्तावेजों- बुक रजिस्टर में प्रविष्टि, बैंक एकॉउंट, वितरण रजिस्टर, संस्वीकृति पत्र के नियम एवं शर्तों का अनुपालन और निधि के उपयोग की गुणवत्ता आदि की जाँच करता है। मोनिटर ऋण की पहली किश्त से लाभान्वित समूहों के पास भी जाता है और आरएमके से प्राप्त ऋण से सृजित संपत्ति की जाँच करता है। मोनिटर की सिफारिशों के आधार पर आरएमके या तो ऋण की दूसरी किश्त जारी करता है अथवा जारी किया गया ऋण वापस लेता है।

केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (के.लो.सू.अ.)

 सूचना का अधिकार अधिनियम -2005 के उद्देश्यों के लिए राष्ट्रीय महिला कोष के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी और अपीलीय प्राधिकारी का विवरण निम्नलिखित है:-

  • केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (के.लो.सू.अ.)- श्री पी० अनंत, उप निदेशक (प्रशासन)
  • प्रथम अपीलीय प्राधिकारी- श्री के० सी० बेहरा, महा प्रबंधक

सूचना पट्ट

चर्चा में

  • आरएमके और महिला ई-हाट के नेटवर्क के विस्तार के लिए आउटरीच कमेटी का गठन   और उनकी क्षमता-निर्माण योग्यता।
  • आरएमके का पुनरीक्षित ऋण दिशा निर्देश
  • एनजीओ दर्पण पोर्टल


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